इतिहास
उत्तर प्रदेश सरकार, अधिसूचना संख्या. ‘न्याय/अय-व्या-नियोजन/अनुभाग लखनऊ: दिनांक 21 अक्टूबर 1989, सत्र प्रभाग, सोनभद्र, दृष्टिगत, जिला एवं सत्र न्यायालय, सिविल जज, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत और न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत के लिए ‘चार’ न्यायालय बनाए गए। यह भी निर्देश दिया गया कि जिस अधिकारी को जिला एवं सत्र न्यायाधीश, सोनभद्र के रूप में नियुक्त किया गया है, वह ‘विशेष कर्तव्य अधिकारी’ (ओ.एस.डी.) के रूप में कार्य करेगा। आगे यह निर्देश दिया गया कि सभी ‘चार’ न्यायालय ‘अस्थायी’ होंगे। बाद में 15 अक्टूबर 1994 को पत्र क्रमांक. न्याय/अनुभाग-2/अधीनस्थ न्यायालय/लखनऊ: दिनांक 27 सितम्बर, 1994, ये न्यायालय ‘स्थायी’ हो गये।
जिला न्यायालय, सोनभद्र का उद्घाटन 30 मार्च, 1990 को माननीय प्रशासनिक न्यायाधीश डॉ. जगदीश नारायण दुबे, उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा किया गया था। वर्तमान में सोनभद्र जजशिप में 32 न्यायालय हैं। तीन बाहरी न्यायालय हैं, दुद्धी, अनपरा में ओबरा और ग्राम न्यायालय घोरावल। विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट की भी दो अदालतें हैं।